यादें
आज याद तेरी फिर आई जब उठकर सुबह ली मैंने अंगड़ाई जब नहा कर मैंने ऊपरवाले की ज्योति जगाई जब पढ़ा आज का पहला पन्ना तब हवा के झोंके सी तेरी याद आयी । जब माँ ने प्यार से रोटी खिलाई जब बाप ने गर्व से पीठ थपथपाई । जब आज अनजानों ने भी बातें बताई इन सब में तू काफी याद आई ।। मेरी रूह में, मेरे जहन में मेरे इश्क-ए -फरेब के वहम में , तेरी यादों का एक पिटारा है क्या वफ़ा की चाबी है तेरे जहन में ? यादों का सिलसिला जारी रहेगा तेरा न आना भी भारी रहेगा लिखूँगा जब जब यादें आएंगे तेरी इन यादों के साथ सफर मेरा सुहाना हजारी रहेगा ।। - शिनाख्त...