एक दो- एक दो
उपरवला देता है एक सर
सबको हाथ दो देता है
सब देते है सलाह व्यक्ति को
पर खुद की सलाह खो देता है
मिलते है जिस्म दो
बनने के लिए एक जान
लालची आदमी एक जान लेता है
आँखें दो खो देता है
हजार मौके मिलते है कामयाबी के
एक तेरा सही , एक मेरा सही
दोनों सही अपनी जगह और गलत
लड़ाई में दोनों खो देता है
रोज मिलता हूं एक दोस्त से
एक मेरा दोस्त वो , एक मैं उसका दोस्त
अच्छे दोस्त है दोनों
पर एक दोस्त वो जरूर खो देता है
मां देती है चलने को हाथ
बाप अपने कंधे दो देता है
बिना मांगे ऊपरवाला खूब देता है
पागल व्यक्ति बिचारा हर साथ खो देता है
उपरवला देता है एक सर "शिनाख्त"
पर सबको हाथ दो नहीं देता
- "शिनाख्त"
Fabulous 👌👌
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