ज़रूरी
क्या तेरी आँखों का रोना ज़रूरी
मेरा वहाँ न होना ज़रूरी
हर बात पे तेरा याद आना
और मेरा तुझे खोना ज़रूरी
दिल की रौशनी काफ़ी ज़रूरी
तेरी आँखों की चाशनी ज़रूरी
तेरा मुँह फेर के चलना आसान
मेरा तुझे भूलना ज़रूरी
रात भर की बात ज़रूरी
उन ख़ामोश रातों की याद ज़रूरी
तेरा हँसता चेहरा याद आया
मेरी वो ठंडी रात ज़रूरी
इश्क़ के इम्तिहान ज़रूरी
मेरा ख़ाली मकान ज़रूरी
दिन भर सबके साथ रहना
रात भर का काला आसमान ज़रूरी
अब ज़रूरत नहीं, बस तू ज़रूरी
हर मुराद में तेरी याद ज़रूरी
लिखता रहूँ, रोता रहूँ कितना
अब दिल का ये हाल ज़रूरी…
- शिनाख्त
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