मेरे सवाल
कई लोगों से बहुत सवाल हैं
उनका न होना मेरे कुछ मलाल हैं
मैंने छोड़ दिया उन्हें या उन्होंने मुझे,
यही बातें मेरे ज़हन में एक बवाल हैं
और भी क्या कुछ कमाल है,
उस दोस्ती-प्यार की न कोई मिसाल है
रात भर का वो मेरा मलाल है
आजकल मेरा ऐसा ही बुरा हाल है
लिखते रहना उनके बारे में,
जो फ़िक्र नहीं खाते किसी सहारे में
यूं ही दुखी रहना बीते किनारे में
ये कैसा दिल का अजीब हाल है
दिल को रोना और भी,
लोगों को खोना और भी
महबूब का न होना और भी
मेरे ज़माने के दुख, यही सवाल हैं।
- शिनाख्त
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