लिखता हूं
लोगों के दिलों की बात बेबात
खिलते हुए चेहरों की हयात
अंदर दफन दर्दों की दवात
लिखता हूं
हर चेहरे का गम
हर कलाकार का छुपा फन
हर व्यक्ति का उधड़ा मन
लिखता हूं
हर आइने की ताज़गी
हर व्यक्ति की नाराजगी
तेरी अदायों की सादगी
लिखता हूं
वो मेरे अंदर का दर्द
वो मेरा चेहरा सर्द
वो अंदर ठिठुरता मर्द
सब के लिए बिकता हूं
फिर भी मैं लिखता हूं
- शिनाख्त
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